आधार फाउण्डेषन ट्रस्ट के फाउन्डर नारायण चौधरी ने वर्ष 2002 से अपना सम्पूर्ण जीवन सड़क दुर्धटना में घायल लोगों की मदद करने में लगा दिया। नारायण चौधरी द्वारा अभी तक लगभग 3000 लोगों को जीवन दान दिया जा चुका है, चाहे वो सड़क दुर्घटना में आंन स्पाट मदद करनी हो, हास्पीटल में भर्ती करवाना हो, हॉस्पीटल के बाद भी सम्पूर्ण इलाज करवाना हो या परिवार के मुखिया को खो देने पर उस परिवार के भरण-पोषण की सम्पूर्ण जिम्मेदारी उठानी हो या उन बच्चों को निःषुल्क षिक्षा व परवरिष देनी हो।
हम कभी रुके नहीं थके नहीं सिर्फ दुर्घटना में घायल लोगों की सेवा करते रहे व मकसद यहि रहा कि दुर्घटना में घायल लोगों को वास्तविक मदद मिल सके। उस समय से अभी तक लगभग 2000 परिवारों को राषन वितरण की मदद कर चुके हैं तथा लगभग 500 ऐसे बच्चे जिनकें परिवार के मुखिया की मृत्यु सड़क दुर्घटना में हुई हो ऐसे बच्चों को निःषुल्क षिक्षा दे चुके हैं। साथ ही लगभग 1,50,000 लोगों को सड़क सुरक्षा की ट्रेंनिग दे चुके हैं। क्योंकि हम निस्वार्थ भाव से काम करते रहे है। सिर्फ एक अच्छे मददगार की तरह काम करते रहे । नारायण चौधरी द्वारा सड़क दुर्घटना में घायल लावारिस लोगों को गोद लेकर उनकी सेवा करना उनके लिए निःषुल्क भोजन व इलाज की व्यवस्था करना दुर्घटना में घायल व्यक्ति के लिए तुरन्त जीवन रक्षक दवाइयां व ब्लड की निःषुल्क व्यवस्था करना यही प्राथमिकता रही।
सड़क दुर्घटना में मृत लावारिस व्यक्तियों की विधि, विधान से दाह संस्कार। अंतिम क्रिया करवाना। दुर्घटना में अपने-अपनों से बिछड़े लावारिस परिजनों को पुनः मिलान करके उनको उनके गन्तव्य स्थान तक पहुँचाना।
हमारे द्वारा निःषुल्क एम्बुलेन्स सुविधा भी उपलब्ध है सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति हेतु निःषुल्क हॉस्पीटल पहुंचाना बिना किसी षुल्क के।
- क्या दुर्घटना स्थल पर किसी ने सहायता नहीं करी।
- समय पर एम्बुलेन्स या अन्य कोई साधन उपलब्ध नहीं हो पाया।
- क्या दुर्घटना स्थल पर मरीज को ज्यादा नुकसान हुआ।
- दुर्घटना स्थल से हाँस्पीटल पहुँचने मे कितना समय लगा।
- स्ट्रेचर से डाक्टर तक कितना समय लगा।
- डाक्टर से पितेज ंपकध् व्ज् तक कितना समय लगा।
- ऐसी कौनसी हमारी कमजोरी रही जिसको हम सुधार करें तो दुर्घटना में घायल व्यक्ति की समय रहते जान बचा सकते थे।
- गुड सेमेरिटन का प्रचार प्रसार करना।
- दुर्घटना में घायल व्यक्ति की मदद करने वालों को 251 रूपये, गिफ्ट, चेंक या मुमेन्टो भेंट कर उनका सम्मान करना।
- आमजन में गुड सेमेरिटन की भावना जागृत कर उसका प्रचार प्रसार करना जिससे आमजन डरे नहीं घबराए नहीे व मदद करने हेतु आगे आए।
सड़क दुर्घटना में हमारे द्वारा लाभान्वित परिवार:-
मदन गमेती उम्र लगभग 38 वर्ष निवासी उदयपुर
मीरा गमेती ॅध्व मदन गमेती उम्र लगभग 35 वर्ष
उक्त परिवार अपने बच्चे के साथ गोगुन्दा गांव से उदयपुर आ रहे थे कि एक गलत दिषा से आती हुई बिना हेडलाइट जलाए बोलेरो गाड़ी ने राग साइड से टक्कर मार दी जिसकी सुचना मुझे मिली गोगुन्दा से एक गाडी में घायलों को रवाना किया यहां पर मैनै इनको अटेन्ड करके हॉस्पीटल में भर्ती करवाया। मीरा गमेती की ब.1 टुट चुकी थी जिससे उसको लकवा हो गया। बाद में काफी इलाज के बाद भी मैं उसको बचा नहीं पाया। मदन के पैर में स्टील रोंड फिट करवाई व बच्चे के पैर मे फैक्चर सही करवाया मुकदमा दर्ज करवाया व 750000 का क्लेम पास करवाया।
पुष्पा बेन उम्र लगभग 40 वर्ष निवासी जयपुर
हॉस्पीटल ट्रॉमा वार्ड से फोन आया कि एक लावारिस मरीज भर्ती हुआ है जब में वहां गया तो अपना नाम पुष्पा कंवर निवासी जयपुर बता रही थी कोई अज्ञात वाहन इसको भी नहीं पता कि कहां टक्कर मारकर चला गया फिर मैंने अपनी टीम के साथ मिलकर इसके परिवार का सदस्य बनकर इलाज करवाया पैर में प्लास्टर चढवाया नहलाकर कपड़े बदलवाए व लगभग 15 दिन तक उसकी सेवा करी फिर उसके बताए पते पर गाड़ी करके जयपुर परिवार के पास भेजा।
हेमा राम उम्र लगभग 50 वर्ष निवासी सविना कच्ची बस्ती
सड़क दुर्घटना में घायल लावरिस व्यक्ति जिसकी कोई अज्ञात वाहन टक्कर मारकर हाथ-पैर व सिर में गंभीर चोट लगा गया उस व्यक्ति को हॉस्पीटल में भर्ती करवाकर 3 दिन तक बराबर उपचार करवाया कपडे बदलवाए इलाज करवाकर घर भिजवाया गया नहलाधुला कर साफ सुधरे कपडे पहनाए व लगभग 15 दिन की दवा दिलवाई गई।
कमला बाई निवासी पिपलेष्वर महादेव राजनगर उम्र लगभग 60 वर्ष
म.भु.रा.चि. में लावारिस महिला जिसको एक जीप वाला टक्कर मारकर हाथ तोड़ गया व हाथ बहुत सड गया था। फिर हमने परिवार का सदस्य बनकर लगभग 1 माह तक इलाज व सेवा की ।
उसके बाद परिवार के सदस्यों का पता लगवाया व उसके परिवार के सदस्यों का पता लगाकर उसके पुत्र-पुत्रवधु व पौत्र को बुलाकर उनके सपुर्द करके जिम्मेदारी से घर भिजवाया साथ ही 2 माह की निःषुल्क दवा भी दिलवाई।
रामा-अज्ञात उर्म लगभग 70 वर्ष
सडक दुर्घटना में घायल लावारिस व्यक्ति 108 वाले डठभ् हॉस्पीटल में छोडकर चले गए मुझे सुचना मिली तो तुरन्त जाकर उसको संभाला हालत काफि दयनीय थी ष्षरीर के तन पर एक कपड़ा भी नहीं था पूर्ण मुर्छित अवस्था में पूरी गन्दगी से भरा हुआ।
तब मैंने उसको गोद लेकर नहला धुलाकर कपडे पहनवाए इलाज करवाया मेरे वहां लेकर भी गया हालत बिगडने पर वापस हॉस्पीटल लेकर आया 3 चम्मच सुबह और 3 चम्मच ष्षाम को सिर्फ पानी ही पी पाता और कुछ नहीं और 15 दिन तक मेरे साथ रहा फिर दुनिया छोड़कर चला गया।
गुजरात अहमदाबाद से 50 यात्रियों से भरी बस हरिद्वार जा रही थी कि अचानक छण्ीण्8 उदयपुर गोवर्धनविलास के आगे मेलडी माता मन्दिर के सामने एक बाइक सवार को बचाने के चक्कर में बस खाई में गिर गई सुचना मिलते ही दौड़कर पहुचा बडी मुष्किल से घायलों को बाहर निकाला । सरकारी हॉस्पीटल पहुंचाया। 1 युनिट मैनें ब्लड डोनेट भी किया लेकिन फिर भी कई जनों को हम नहीं बचा पाए 42 लोगों को सुरक्षित रखा इलाज करवाकर उनके गांव भेजा। उनके लिए निःषुल्क खाने-पीने की व्यवस्था करी।
मोहनीः- उम्र लगभग 60 वर्ष निवासी गुजरात
अज्ञात महिला जिसको अज्ञात वाहन ने टक्कर मारी इसको भी नहीं पता कि कौन हूं कहां से आई बमुष्किल भाषा का पता लगाकर हुलिया व फोटो के आधार पर गुजरात पुलिस से मदद ली व 10 दिन निःषुल्क इलाज करवाकर उसके परिजनों के सुपर्द की।
राधा निवासी जयपुर उम्र लगभग 40 वर्ष
चितौड़ से रेफर होकर डठभ् हॉस्पीटल में रेफर किया गया 108 एम्बुलेन्स छोड़कर चली गई ये भी नहीं बताया कि कहां से लाया गया फिर मुझे सुचना मिली जिस आधार पर हॉस्पीटल पहॅुच कर उक्त महिला को प्रमीला सिस्टर के साथ नहलाधुला कर तैयार किया इलाज चालु करवाया बालों में बहुत सारी जुं पड़ी थी बाल ट्रीम करवाएं 7 दिन तक बराबर इलाज करवाया काफि हद तक ठीक हो जाने पर इनको आषाधाम आश्रम में भर्ती करवाया और 15 दिन तक ड्रेसिंग करवाई गई।
बाबुलाल निवासी अडिन्दा उम्र लगभग 50 वर्ष
उदयपुर ष्षहर में गन्ने के रस का थैला लगाते हैं रात के वक्त थैला बन्द करके घर जा रहे थे कि अचानक गलत दिषा से तेज रफ्तार आती कार ने टक्कर मार दी मैं रास्तें में ही था मेरे बच्चे 5 वर्ष को गाड़ी से उतार दिया और रात को बच्चे की चिंता छोड़कर उसको संभालाा सेटेलाइट हॉस्पीटल लेकर गया ड्रेसिंग पितेज ंपक करवाई फिर घर छोड़ा तब जाकर में घर गया।
जमनी बाई/सोहन :- गांव नामरी तहसील मावली उदयपुर उम्र 70 वर्ष सोहन पुत्र उम्र 45 वर्ष व पुत्रवधु बाइक से तीनो उदयपुर की और आ रहे थे कि अचानक एक तेज रफ्तार महिन्द्रा बोलेरो ने टक्कर मार दी तीनों उछल कर दुर जा घिरे मुझे सरपंच सा. का फोन आया हॉस्पीटल गया व उनको अटेन्ड किया ब्लड की व्यवस्था करवाई बहुत प्रसास किया लेकिन मां बेटे को नहीं बचा पाया मां बेटे ने तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया सिर्फ बहु को बचा पाए जिसको गाड़ी वाले से समझाइष करवाकर कुछ दाह-संस्कार हेतु मदद करवाई गई।
रूपा राम निवासी नई उन्दरी उम्र लगभग 50 वर्ष
अज्ञात वाहन द्वारा टक्कर मार देने से पांव फेक्चर हो गया। परिवार में कोई आसरा नहीं होने की वजह से पडौसी ही देखभाल कर रहे थे हमने 7 दिन हॉस्पीटल में सेवा करी इलाज करवाया पांव में रोड डलवाई फिर गांव पडौसी के भरोसे छोड़कर आए इलाज के साथ राषन व दवा की व्यवस्था हेतु कुछ आर्थिक सहायता भी की व बहुत विष्वास के बाद पडौसीयों के भरोसे छोड़कर आए।
हार्दिक निवासी वडौंदा उम्र लगभग 15 वर्ष
बडौदा से किसी बस में बैठकर उदयपुर आ गया मानसिक विक्षिप्त बच्चा यहां किसी अज्ञात वाहन ने टक्कर मारकर पांव तोड़ दिया हॉस्पीटल से फोन आया तुरन्त मैं वहां पहुॅचा किसी को सपोर्ट नहीं कर रहा था बड़ी मुष्किल से समझाइस कर इलाज करवाया, कडाके की ठंड का मौसम थ नया जैकेट दिया। रात भर धर्मषाला में सुलाया सुबह उठकर उसकी गन्दगी साफ करी फिर घर परिवार का पता करने का काफि प्रयास किये हार्दिक का फोटो गुजरात पुलिस को भेज कर व उनके सहयोग से पता किया उसकी बहन से बात करी व सही सलामत घर बडौंदा के लिए रवाना किया बस किराया रास्ते का खाना फल-फ्रुट बिस्कीट आदि दिलाकर जिम्मेदारी से रवाना किया। बस स्टेण्ड बडोदा पहुँचकर कन्डक्टर से उसकी बहन से बात करवाकर हार्दिक को बड़ी बहन के सुर्पुद किया।
हिम्मत सिंह राजपुत उम्र लगभग 48 वर्ष
दिंनाक 01.09.2018 को त्ज्व् प्देचंजंत ।तअपदक टपतूंस का फोन आया कि एक व्यक्ति ड ठ हॉस्पीटल की लेब 29 की गली में लावारिस पड़ा हुआ है मैं जब वहां पर पहॅुचा तो अर्धमुर्छित अवस्था में वो व्यक्ति केथेइक भी आधा निकाल चुका था व बाथरूम गन्दगी व दवाइयों से भयंकर बदबुमार रहा था। मैने व गोपाल जी ने उसको उठाकर नहलाया कपड़े बदले व धर्मषाला में सुलाया सुबह हमने उसको ड्रेसिंग करवाई दवाई दिलवाई 5 दिन तक बराबर ड्रेसिंग करवाकर खाना खिलवाकर 5 दिनों तक सेवा करी फिर इनके कहेनुसार इनकी सविना के बाहर इनके दोस्तों के पास छोड़कर आए साथ ही उनको एक हफ्ते का खाने का सामान की व्यवस्था भी करके आए।
दिंनोक 30.09.2018 को हॉस्पीटल ट्रोमा वार्ड से फोन आया कि एक लावारिस व्यैिक्त वार्ड में भर्ती हुआ है जब में वहां पहुँचा तो उनकी सुध ली सार संभाल की फिर इलाज चालु करवाया पुरी खुद के बाथरूम में भरकर बदब ुमार रहा था। उसकी भाषा व हमारे प्रयास के आधार का पता लगवाया जो उक्त व्यक्ति हरियाणा बोडर का निवासी मिला व चितौड़ में एक ढ़ाबे पर खाना बनाने का काम करता थ फिर उसके मालिक का पता लगवाकर उसके दवाई पटृी करके उसके मालिक के हवाले किया।
दिंनाक 28.07.2018 को प्रातः 6 बजे बाल चिकित्सालय से फोन आया कि एक महिला जिसकी गोद मे मृत बच्चा है उसको लेकर वार्ड में घुम रही है व रो रही है बच्चे के नाक मे नली लगी हुई है। वहॉ जाकर जब पता किया तो पता चला कि उसका बच्चा तो मर चुका है। जिसको वो जिन्दा समझ कर बार-बार कभी दुध पिलाने की कोषिष कर रही थी तो कभी प्यार दुलार से वात्सल्य भाव से सिर पर हाथ फैर रही थी जब मैंने वहॉ पर वस्तु स्थिति का जायजा लिया फिर बहुत प्रेम से उसके पास बैठ कर विष्वास मे लिया तो पता चला कि उसके आदमी ने 3 षादियां कर रखी है और ये उसकी तीसरी औरत है और वो भी किराए के मकान में रह रही थी, पति उसको खर्चा भी पुरा नहीं दे पा रहा था उसके पास भी नहीं आता था बड़ी मुष्किल से घर खर्च चल रहा था मैंने बार-बार फोन लगाया तो भी वह फोन नही उठा रहा था। फिर हमने अपने लेवल पर उसके सेठ से बात करी उसने उसके सुसराल का पता बताया सुसराल वालोंसे बात करके आष्वस्त होने के बाद किराए की एम्बुलेन्स करके व साथ में कुछ खर्च हेतु 4000 रू. की आर्थिक सहायता भी करी बहुत कुछ दुख भरी कहानी रही।
दिंनाक 26.06.2018 ट्रोमा वार्ड नम्बर 16 फिमेल वार्ड प्रमीला सिस्टर का फोन आया कि एक लावारिस लड़की जिसको कोई टक्कर मार कर पांव तोड़ गया वार्ड में आई है आप आकर देख ले ज में वहां गया और उसको देखा तो भाषा व ष्षक्ल से उत्तर प्रदेष की प्रतीत हो रही थी काफि अथक प्रयास के बाद उसके परिजनों का पता लगाया इलाज करवाया रिपोर्ट से पता चला कि पांव में स्टील रोड डालनी पड़ेगी बहुत समझाइष करने पर भी किसी को सपोर्ट नहीं कर रही थी फिर बड़ी मुष्किल से समझाइष कर उसके पांव का ऑपरेषन करवाया इलाज करवाया बैषाखी कपड़े आदि दिलवाई।
ऐसे हजारों परिवार है जिनकी हम मदद करते रहे लेकिन यहाँ यह सब बताना सम्भव नहीं है। सड़क दुर्घटना में घायल एवं अज्ञात ऐसे बहुत सारें लाभार्थी है जिनको हम लोग किसी न किसी रूप में नया जीवन देने में सफल रहे है। अगर अवसर मिलता है तो बताने के लिए बहुत कुछ है।
धन्यवाद।